रासचन्द्रिका पुस्तक का हरीनाम प्रेस द्वारा प्रकाशित संस्करण एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक ग्रंथ है जो विशेष रूप से रसायनशास्त्र (रासशास्त्र) और औषधि निर्माण से संबंधित ज्ञान प्रदान करता है। यह पुस्तक आयुर्वेद में धातु, खनिज और जड़ी-बूटियों के उपयोग को लेकर एक विस्तृत और गहरी जानकारी देती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होती है।हरीनाम प्रेस द्वारा प्रकाशित रासचन्द्रिका में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:रसायन और रासशास्त्र के सिद्धांत: पुस्तक में रसायन के उपयोग और इसके गुणों की व्याख्या की गई है, विशेष रूप से पारा (रसा) और अन्य धातुओं का आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रभावी उपयोग बताया गया है।औषधि निर्माण विधियाँ: इसमें विभिन्न औषधियों की निर्माण विधियाँ, धातुओं और खनिजों का शुद्धिकरण और उनका उपचारात्मक उपयोग विस्तार से समझाया गया है।स्वास्थ्य और दीर्घायु: रासचन्द्रिका का मुख्य उद्देश्य शरीर के पुनर्निर्माण और दीर्घायु के लिए रसायन (रिविवल) तकनीकों का प्रयोग है, जो शरीर को ताजगी और ताकत प्रदान करती हैं।प्राकृतिक तत्वों का उपयोग: पुस्तक में पारा, सोना, चांदी, और अन्य धातुओं के आयुर्वेदिक औषधियों में इस्तेमाल की प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा की गई है, जिससे आयुर्वेद के पारंपरिक उपचार विधियों को बेहतर समझा जा सकता है।
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₹200.00Price
Weight: 124gm
Pages: 80
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