रा"श्रीश्रीशुकदतमहाकाव्यम" एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध संस्कृत काव्य है, जो विशेष रूप से भारतीय धार्मिक और साहित्यिक परंपरा में अपनी विशेष पहचान रखता है। यह काव्य श्री शुकदेव महर्षि के जीवन और उनके दिव्य कार्यों का विस्तृत रूप से वर्णन करता है। श्री शुकदेव महर्षि, जो भगवद्गीता के उपदेशक और श्रीमद्भागवतमहापुराण के प्रमुख पात्र थे, को इस काव्य में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया है।इस महाकाव्य का उद्देश्य शुकदेव महर्षि की भक्ति, ज्ञान और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का महिमामंडन करना है। यह काव्य भारतीय दर्शन, वेद, उपनिषद् और पुराणों की गहरी समझ को सरल रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे पाठकों को जीवन के उच्चतम उद्देश्य की प्राप्ति का मार्ग दिखाया जा सके।"श्रीश्रीशुकदतमहाकाव्यम" में शुकदेव महर्षि की तपस्या, उनकी ज्ञान की गहराई, उनके श्री कृष्ण के प्रति प्रेम और समर्पण की महानता का अद्भुत वर्णन किया गया है। इस काव्य के माध्यम से यह सिखाया जाता है कि कैसे व्यक्ति अपनी जीवन यात्रा में सत्य, धर्म, और भक्ति का पालन करके आत्म-साक्षात्कार कर सकता है।
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Weight: 645gm
Pages: 224
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