गोपी एवम किंकरी
जैसे किसी फैक्टरी में काम करने वाला एक मनुष्य ही होता है, वैसे ही कुंज, निकुंज
आदि में जो सखी, मंजरी, सहचरी या कुछ भी नाम दे दें वह गोपियाँ ही कहलाती हैं,
क्योंकी किसी गोपी के गर्भ से जन्म लेकर, गोपी होकर
ही लीला में प्रवेश मिलता है । ये सिस्टम है ।
जैसे एक फैक्ट्री का मैनेजर, क्लर्क,चपरासी, मुनीम, सब स्टाफ या कर्म चारी ही कहलाते हैं, उसी प्रकार सखी, सहचरी, मंजरी
ये सब किंकरियाँ ही कहलाती हैं । किं करोमि । बताओ
क्या करूं । किंकरी ।
समस्त वैष्णव वृंद को दासाभास का प्रणाम ।
।। जय श्री राधे ।।
।। जय निताई ।। लेखक दासाभास डॉ गिरिराज
धन्यवाद!! www.shriharinam.com संतो एवं मंदिरो के दर्शन के लिये एक बार visit जरुर करें !! अपनी जिज्ञासाओ के समाधान के लिए www.shriharinam.com/contact-us पर क्लिक करे।
Comments