top of page

"Kya khoya kya paya" "क्या खोया क्या पाया"

क्या पाया क्या खोया

एक बिटिया । बचपन से ही भजन के संस्कार । पोस्ट ग्रेजुएट हो गई । पिता ने कहा विवाह । बोली । पिताजी विवाह का तो प्रश्न ही नहीं उठता ।अब तक उसकी एक अच्छे वैष्णव से दीक्षा भी हो गई । लग गई भजन में । विग्रहसेवा में ।ठाकुर को रिझाने में । लेकिन यह क्या । हर महीने निषेध भरे दिनों का झंझट । 3 दिन की गड़बड़ी । तुरंत ही उसने बच्चेदानी रिमूव करवा दी । और अनवरत भजन होता रहे इसके लिए निश्चिंत हो गई । घर से अलग कहीं किसी के आश्रय में आज भी है । भजन भजन भजन उसका उद्देश्य है । सादे वस्त्र । चेहरे पर चमक। हाथ में माला झोली ।

कथा प्रवचन सत्संग मंदिर दर्शन जाना भजन करना । निर्वाह हो जाता है ।न वह ब्यूटी पार्लर जाती है न कट स्लीव कपड़े पहनती है न बाल खुले रखती है ना फेसिअल कराती है और विवाह तो हुआ ही नहीं निगाहें नीची

"Kya khoya kya paya" "क्या खोया क्या पाया"
"Kya khoya kya paya" "क्या खोया क्या पाया"

ऐसा होने पर भी वह कहती है कि प्राप्त कुछ नहीं हो रहा है भाई साहब । अब आप सोचिए हम और आप कितने पानी में है और इतने से पानी में यदि हम कहते हैं कि राधा रमण जी से आई लव यू कहो तो क्या सोच कर कहते हैं हम ।यूंही कोई नहीं कुछ पा जाता । इस बिटिया के पिछले जन्म की अनवरत भक्ति का ही परिणाम है कि इस जन्म में उसे बचपन से ही समझ आ गया और वह ना तो ग्रहस्थ के झंझट पर पड़ी और आप सोचिए कितना बड़ा कॉन्फिडेंस कितना बड़ा निर्णय विवाह ना करना और उसके आगे मासिक झंझट को निपटा देना । क्या हम कर पाएंगे ऐसा । क्या हमने किया ऐसा । क्या भक्ति के गूढ़ रहस्यों को समझ पाए । क्या कुछ पाने के लिए हमने खोया कुछ । शायद हम खोने के लिए नहीं और और पाने के लिए ही भकति करते हैं । नित नए रूप धारण करते हैं और भक्ति का नाटक करते हैं भक्ति अवश्य बहुत सरल है निरपेक्ष है लेकिन फिर भी सौ ग्राम मूगफली नहीं जो खरीदी और चलते-चलते खा गए ।कुछ पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है अन्यथा तो सब नाटक है । दिखावा है । भरम है । हानि इसमें भी कुछ नहीं लेकिन लगे रहो । अपनी स्थिति को समझे रहो । अभी दिल्ली बहुत दूर है ।

समस्त वैष्णव वृंद को दासाभास का प्रणाम ।

।। जय श्री राधे ।।

।। जय निताई ।। लेखक दासाभास डॉ गिरिराज

धन्यवाद!! www.shriharinam.com संतो एवं मंदिरो के दर्शन के लिये एक बार visit जरुर करें !! अपनी जिज्ञासाओ के समाधान के लिए www.shriharinam.com/contact-us पर क्लिक करे।

140 views0 comments
bottom of page